• खेलों के विकास के लिए व्यापक सोच की जरूरत : पुलेला गोपीचंद

    121रियो ओलंपिक मजह छह-सात महीने दूर हैं,  बतौर बैंडमिंटन के राष्ट्रीय कोच आपको भारत के कैसे प्रदर्शन की आशा है?

    अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन भारतीय खिलाड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं में कर रहे हैं, उससे लगता है कि ओलंपिक में बड़ा भारतीय दल भाग लेगा. एक बार खिलाड़ी ओलंपिक के  लिए क्वालीफाई कर लें, उसके  बाद हम खिलाड़ियों के  आधार पर ओलंपिक के लिए तैयारियां कर सकेंगे. [Read More…]

  • रियो ओलंपिक में बैडमिंटन एक से ज्यादा पदक जीतेगा भारत : मधुमिता बिष्ट

    पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी मधुमिता बिष्ट आज भारत की नेशनल बैडमिंटन कोच हैं. मधुमिता ने अपने करियर में आठ एकल, नौ युगल और 12 मिक्स डबल्स खिताब जीते. आज वह भारत की युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन कर रही हैं. सायना नेहवाल, पीवी संधु और अन्य खिलाड़ी उनके  और गोपीचंद के दिशानिर्देश में सफलता की बुलदियों को छू रहे हैं. इंडियन बैडमिंटन लीग के दूसरे संस्करण की घोषणा के मौके पर उन्होंने चौथी दुनिया संवाददाता नवीन चौहान से भारतीय बैडमिंटन के विभिन्न पहलुओं पर बात की…प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश. 

    page-15

    • भारत के रियो ओलंपिक में बैडमिंटन में पदक जीतने की संभावनायें कितनी प्रबल हैं?

    बहुत प्रबल हैं, आप देखिए खिलाड़ियों के खेल में बहुत सुधार आया है. खिलाड़ियों की काबिलियत और प्रदर्शन को देखते हुए हम निश्चित तौर पर ज्यादा पदकों की आशा कर रहे हैं. हमारे खिलाड़ी अब दुनिया के टॉप प्लेयर्स को हरा रहे हैं. पीवी सिंधू ने विश्व की नंबर एक खिलाड़ी कैरोलीना मारीन को हराया.  पिछली ओलंपिक चैंपियन ल्यू ज्यूरी को वर्ल्ड चैंपियनशिप में हराया, एचएस प्रणय ने लिन डेन को हराया, ऐसा किदंबी श्रीकांत ने भी किया. साइन लगातार ऐसा कर रही हैं. ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों को क्वालीफाई करना होता है, जबकि सुपर सीरीज में जगह बनाना उससे ज्यादा कठिन है. सुपर सीरीज में खेलने के लिए आपको वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप पर रहना होता है, इसलिए मुझे महसूस होता है कि हमारे खिलाड़ी ओलंपिक में पदक जीतने में सक्षम हैं. इसलिए हम इस बार ज्यादा पदक जीतने की आशा कर रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि हम ऐसा कर पाएंगे. लेकिन बहुत सी चीजें ड्रॉ पर भी निर्भर करती हैं, दूसरा आपके खेल पर सब कुछ निर्भर होता है. मानसिक और शारीरिक तौर पर आप कितने फिट हैं इसका भी हार-जीत पर असर पड़ता है. [Read More…]

  • विश्व शिखर पर भारतीय खिलाड़ी

    nehwalओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल ने हाल ही में विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में नंबर एक पर पहुंचकर इतिहास रचा. वह विश्वरैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला और दूसरी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. उनसे पहले प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन की विश्व रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी थे. टेनिस सनसनी सानिया मिर्ज़ा भी विश्व रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचने की कगार पर पहुंच गई हैं. विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने के बाद सायना ने कहा है कि रैंकिंग उनके लिए बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती है, लेकिन हर खिलाड़ी अपने करियर में दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी बनना चाहता है. रैंकिग से आपके प्रदर्शन की कंसिस्टेंसी प्रदर्शित होती है. सायना के लिए साल-2015 बहुत बेहतरीन रहा है. पहले तो वह वह ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचीं. जहां वह कार्लीना मरीन से पार नहीं पा सकीं. इसके बाद दिल्ली में उन्होंने इंडियन ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीता, इसी जीत की वजह से वह विश्व रैंकिंग में पहला नंबर तक पहुंचने में सफल हुईं. हालांकि, वह ज्यादा दिनों तक नंबर एक की पोजीशन पर नहीं रह पाईं. विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने के महज एक सप्ताह बाद ही उन्हें मलेशियन ओपन के सेमी-फाइनल में चीनी खिलाड़ी से मात मिली और उनसे विश्व नंबर एक का खिताब छिन गया. फिलहाल सायना नंबर दो पर हैं, यदि वह ऐसा शानदार प्रदर्शन करती रहीं तो निश्चित तौर पर दोबारा नंबर एक की पोजीशन हासिल करने में कामयाब होंगी. सायना इस बात से खुश हैं कि वह लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं, यह उनके कठिन परिश्रम का नतीजा है. मुझे इस बात का दुःख है कि मैं लंबे समय तक नंबर वन पर नहीं बनी रह सकी, लेकिन मैं नंबर वन पर वापस पहुंचने की पुरजोर कोशिश करूंगी. मैं टॉप रैंक चीनी खिलाड़ियों को हराने में सफल रही हूं, यदि आगे भी यह सिलसिला चलता रहा तो मैं एक बार फिर विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बन जाउंगी. [Read More…]