विश्व का कोई ऐसा कोना नहीं बचा है जहां ऑस्ट्रेलिया ने अपना विययी परचम न लहराया हो. एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका से होते हुए उनका विजय रथ अपने ही वतन पर आ पहुंचा है. ऑस्ट्रेलियाई टीम क्रिकेट में सफलता का पर्याय बन गई है. मेन इन यलो का विश्व खिताब से ऐसा लगाव है कि वे इस खिताब से बहुत दिनों तक दूर नहीं रह सकते. यह बात इससे साबित होती है कि साल 1996 से 2015 के दरम्यान खेले गए छह विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया पांच बार फाइनल में पहुंचा और चार बार विश्व चैंपियन बना. जिस तरह टेनिस में करियर ग्रैंड स्लैम पूरा करना एक उपलब्धि होती है उसी तरह ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया के सभी महाद्वीपों में विजय ध्वज फहराकर क्रिकेट का चक्रवर्ती सम्राट बन गया है.
जैसे ही ऑस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने ऐतिहासिक एमसीजी मैदान पर विजयी चौका लगाया. वैसे ही ऑस्ट्रेलिया ने पांचवीं बार विश्वकप पर कब्जा कर लिया. सातवीं बार विश्वकप के फाइनल में पहुंची ऑस्ट्रेलियाई टीम पांचवीं बार विश्व विजेता बनी और पांचों महाद्वीप में विजयी परचम लहराने का अनोखा कारनामा कर दिखाया है. छह बार विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंची कीवी टीम सफलता की उड़ान नहीं भर सकी और एकतरफा फाइनल मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के सामने धराशायी हो गई और ऑस्ट्रेलिया सात विकेट से जीत हासिल की. जिस आक्रामक अंदाज में न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को मात दी थी. उसी वजह से खिताबी भिड़ंत के रोचक होने के कयास लगाये जा रहे थे. ऐसा इसलिए भी था क्योंकि लीग चरण में दोनों टीमों के बीच भिड़ंत हुई थी. वह मुकाबला बेहद रोमांचक रहा था. उस मैच में न्यूजीलैंड को एक विकेट से जीत हासिल हुई थी. लेकिन दोनों टीमों के बीच हुई खिताबी भिडंत पूरी एक तरफा रही. ऑस्ट्रेलिया ने पूरे मैच में कीवी टीम को उबरने का कोई मौका नहीं दिया. [Read More…]