• व्यापमं घोटाला मौत की सुरंग बन गया है

    33भारत में घोटालों का इतिहास बहुत बड़ा है, लेकिन मध्य प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाला अपने आप में अद्भुत है. इस घोटाले की जड़ें कहां तक फैली हैं, इसका अंदाजा अब तक नहीं लगाया जा सका है. इस मामले से जुड़े 40 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. मौत का यह आंकड़ा बिहार में अपने समय के बहुचर्चित चारा घोटाले ने भी नहीं छुआ था. व्यापमं घोटाले में आए दिन रहस्यमयी मौत हो रही है, जिसकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझाई जा सकी है. मौतों का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है. सुशासन का दावा करने वाले शिवराज का क्या यही है सुशासन?   [Read More…]

  • खेलों की दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला

    MMMअब तक दुनियाभर के खेलों में मैच फिक्सिंग के मामले सामने आते थे, लेकिन पहली बार मेजबानी फिक्सिंग का मामला सामने आया है. 2022 में आयोजित होने वाले फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी फिक्स थी. कतर को मेजबानी दिए जाने का समर्थन करने के लिए फीफा के सदस्यों ने करोड़ों अमेरिकी डॉलर की रिश्वत ली थी. इस बात का खुलासा हाल ही में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने किया है. आश्चर्यजनक रूप से साल 2010 में ज्यूरिख में संपन्न हुई मेजबानों की चुनाव प्रक्रिया में कुल 22 में से 14 वोट कतर के पक्ष में पड़े थे. जनवरी 2011 में फीफा के अध्यक्ष सेप ब्लाटर कतर की राजधानी दोहा में एशियाई खेलों के आयोजन के पहले एक कार्यक्रम में पहुंचे और 2022 के फुटबॉल विश्व कप के सर्दियों में होने की उम्मीद जताई. 2018 और 2022 दोनों विश्व कप के लिए मेजबानों के चुनाव में भ्रष्टाचार के आरोपों ने मई 2011 में सिर उठाना शुरू किया, जब संडे टाइम्स अखबार ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की. [Read More…]

  • अजिंक्य रहाणे टीम इंडिया की अभेद दीवार

    batsman-Ajinkya-Rahane-cele

    अजिंक्य का मतलब होता है अभेद. यानि जिसे भेदा न जा सके. 26 साल के अजिंक्य रहाणे अपने नाम के अनुरूप एक अभेद बल्लेबाज के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं और दुनिया भर के गेंदबाजों के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं.द वॉल के नाम से विख्यात पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ को अपना आदर्श मानने वाले रहाणे भारतीय टीम के ऐसे बल्लेबाज हैं, जो किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं. वह कभी ओपनिंग करते हैं, तो कभी मिडल ऑर्डर में खेलते हैं. इसी वजह से कई बार उनकी तुलना वीवीएस लक्ष्मण से भी की जाती है. आईपीएल के आठवें सीजन में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए अजिंक्य रहाणे ने 13 लीग मैचों में लगभग 50 की औसत से 498 रन बनाये.  [Read More…]

  • स्वास्थ्य बजट में कटौती : कैसे होगा स्वस्थ भारत का निर्माण

    15slide3नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा कर लिया है. कहा जाता है कि किसी भी सरकार के पहले वर्ष में उसके काम करने की दशा और दिशा निर्धारित हो जाती है. नवगठित सरकार के ऊपर सबसे पहले अपने चुनावी वादे पूरे करने और चुनावी घोषणा-पत्र को अमलीजामा पहनाने का दबाव होता है, क्योंकि सरकार से लोगों की कई तरह की आशाएं जुड़ी होती हैं. एक कहावत है कि पहला सुख निरोगी काया. मोदी सरकार भले ही नई स्वास्थ्य नीति की दिशा में कार्य कर रही है, लेकिन केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए धन आवंटन में कमी से उसकी कथनी-करनी का भेद दिखाई दे जाता है. ढाई दशकों बाद केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली सरकार के गठन के बाद आशा की गई थी कि स्वास्थ्य क्षेत्र को सरकार अपनी प्राथमिकता में रखेगी और उसमें सुधार के लिए आवश्यक एवं कड़े क़दम उठाएगी, लेकिन सरकार ने स्वास्थ्य बजट में कटौती करके सही संदेश नहीं दिया. [Read More…]

  • भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिला़फ : किसान गोलबंद हो रहे हैं

    09बीते पांच मई को दिल्ली के संसद मार्ग पर देश भर से आए तीन सौ जन-संगठनों एवं राजनीतिक दलों ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में एक बार फिर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में मुख्य रूप से वामदलों के किसान एवं मज़दूर संगठनों ने शिरकत की और सरकार को चुनौती दी कि वह भले ही संसद में अध्यादेश किसी भी तरह पारित करा ले, लेकिन किसान किसी भी क़ीमत पर उसे देश में लागू नहीं होने देंगे. इस भूमि अधिकार संघर्ष रैली में शामिल होने महाराष्ट्र के रायगढ़ से आईं उल्का महाजन ने कहा कि कृषि भूमि और मुआवज़े के बीच कोई संबंध नहीं है. यदि आज किसान कमज़ोर है, तो उसकी वजह कृषि नीति है [Read More…]

  • पश्चिम बंगाल का निकाय चुनाव : ममता का जादू बरकरार

    mamataअगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमी-फाइनल समझे जा रहे पश्चिम बंगाल नगर निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने एक बार परचम लहरा दिया है. इस जीत से तृणमूल कांगे्रस ने अपने विरोधियों को संदेश दिया है कि राज्य की सत्ता से उसे बेदखल करना आसान नहीं है. ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूूल की जीत उन प्रतिद्वंद्वी ताकतों के लिए करारा जवाब है, जो उनकी और पार्टी की छवि खराब करने का अभियान चला रही हैं. लेकिन, वामदलों ने ममता बनर्जी के इस दावे को यह कहकर नकार दिया कि चुनावी नतीजे जनता की सही राय व्यक्त नहीं करते, क्योंकि इस चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली और हिंसा हुई है, मतदाताओं को मतदान करने से रोका गया है. [Read More…]

  • भूमि अधिग्रहण अध्यादेश : सियासत जारी है

    किसान की ज़मीन पर देश के राजनीतिक दल वोटों की फसल उगाने की पुरजोर कोशिश में जुटे हुए हैं. राजधानी दिल्ली में संसद से सड़क तक, रामलीला मैदान से जंतर-मंतर तक भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के ़िखला़फ नित नए राजनीतिक रंग दिखाई पड़ रहे हैं. सबके पास स्क्रिप्ट एक ही है, हर दिन केवल किरदार बदल रहे हैं. 

    11111111

    राजनीतिक दल हों या ग़ैर-राजनीतिक, हर कोई केंद्र सरकार पर वर्ष 2013 के भूमि अधिग्रहण क़ानून में किए गए बदलाव वापस लेने का दबाव बनाने की कोशिश में है. ऐसी ही एक कोशिश रामलीला मैदान में कांग्रेस और जंतर-मंतर में आम आदमी पार्टी ने भी की. कांग्रेस की रैली गुटबाजी की भेंट चढ़ गई, तो आम आदमी पार्टी की रैली को किसान गजेंद्र सिंह की मौत ने कलंकित कर दिया. 19 अप्रैल को हुई कांग्रेस की रैली को किसान-खेत मज़दूर रैली नाम दिया गया था, लेकिन यह रैली पूरी तरह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अज्ञातवास के बाद राजनीतिक वापसी पर केंद्रित थी. रैली से दो दिन पहले राहुल गांधी देश वापस आए. अगले दिन उन्होंने किसानों से मुलाकात की और 19 अप्रैल को रामलीला मैदान से मोदी सरकार को वर्ष 2013 के क़ानून में बदलाव न करने देने की चुनौती दे डाली. तक़रीबन दो महीने लंबी छुट्टी के बाद लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देश भर से आए किसानों को संबोधित करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनकी लड़ाई लड़ेंगे. [Read More…]

  • भूमि अधिग्रहण अध्यादेश विरोधी आंदोलन : बेहतर नेतृत्व और संवाद की जरूरत

    samvad-ki-jaruratमोदी सरकार द्वारा लागू किए गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध के संदर्भ में बीते दो अप्रैल को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में जनसंगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों की एक बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि देश में हर स्तर पर सभी संगठन मिलकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. बैठक ़खत्म होने के अगले ही दिन सरकार एक बार फिर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश ले आई. बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया था कि यदि सरकार दोबारा अध्यादेश लेकर आती है, तो छह अप्रैल को देश भर में अध्यादेश की प्रतियां जलाकर सांकेतिक तौर पर विरोध किया जाएगा. दिल्ली के जंतर-मंतर पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नए अध्यादेश की प्रतियां जलाई गईं, जिसमें तक़रीबन 40-50 लोगों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में जनसंगठनों और वामदलों के कार्यकर्ता तो मौजूद थे, लेकिन उन अन्य राजनीतिक दलों के नुमाइंदे या कार्यकर्ता नज़र नहीं आए, जिन्होंने दो अप्रैल की बैठक में क़दम से कदम मिलाकर चलने का वादा किया था.

    [Read More…]

  • विश्व शिखर पर भारतीय खिलाड़ी

    nehwalओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल ने हाल ही में विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में नंबर एक पर पहुंचकर इतिहास रचा. वह विश्वरैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला और दूसरी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. उनसे पहले प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन की विश्व रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी थे. टेनिस सनसनी सानिया मिर्ज़ा भी विश्व रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचने की कगार पर पहुंच गई हैं. विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने के बाद सायना ने कहा है कि रैंकिंग उनके लिए बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती है, लेकिन हर खिलाड़ी अपने करियर में दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी बनना चाहता है. रैंकिग से आपके प्रदर्शन की कंसिस्टेंसी प्रदर्शित होती है. सायना के लिए साल-2015 बहुत बेहतरीन रहा है. पहले तो वह वह ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचीं. जहां वह कार्लीना मरीन से पार नहीं पा सकीं. इसके बाद दिल्ली में उन्होंने इंडियन ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीता, इसी जीत की वजह से वह विश्व रैंकिंग में पहला नंबर तक पहुंचने में सफल हुईं. हालांकि, वह ज्यादा दिनों तक नंबर एक की पोजीशन पर नहीं रह पाईं. विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने के महज एक सप्ताह बाद ही उन्हें मलेशियन ओपन के सेमी-फाइनल में चीनी खिलाड़ी से मात मिली और उनसे विश्व नंबर एक का खिताब छिन गया. फिलहाल सायना नंबर दो पर हैं, यदि वह ऐसा शानदार प्रदर्शन करती रहीं तो निश्चित तौर पर दोबारा नंबर एक की पोजीशन हासिल करने में कामयाब होंगी. सायना इस बात से खुश हैं कि वह लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं, यह उनके कठिन परिश्रम का नतीजा है. मुझे इस बात का दुःख है कि मैं लंबे समय तक नंबर वन पर नहीं बनी रह सकी, लेकिन मैं नंबर वन पर वापस पहुंचने की पुरजोर कोशिश करूंगी. मैं टॉप रैंक चीनी खिलाड़ियों को हराने में सफल रही हूं, यदि आगे भी यह सिलसिला चलता रहा तो मैं एक बार फिर विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बन जाउंगी. [Read More…]

  • भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ : राजनीतिक-सामाजिक संगठन एक साथ

             02-Political-Parties-meetin दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 2 अप्रैल, 2015 को देश के अधिकांश किसान और जन संगठन एकत्रित हुए और मोदी सरकार द्वारा लाए गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का नये सिरे से विरोध करने के लिए नई नीति तैयार की. इस बैठक के दौरान कांग्रेस, वाम दल, जनता दल(युनाइटेड) और अन्य राजनीतिक दलों के नुुमांइदों ने भी शिरकत की. सभी ने संसद से सड़क तक अध्यादेश का एकजुट होकर लड़ाई लड़ने और जीतने तक संघर्ष करने का ऐलान किया. आगे की लड़ाई भूमि अधिकार संघर्ष आंदोलन नाम से एकीकृत तौर पर लड़ी जाएगी. इसके लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय कमेटियों का गठन भी किया गया है. चूंकि केंद्र सरकार 3 अप्रैल को दोबारा अध्यादेश ले आई है इसलिए 6 अप्रैल को पूरे देश में नए अध्यादेश की कॉपी जला कर सांकेतिक तौर पर विरोध प्रदर्शन किया गया. [Read More…]