• आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार की व्यथा-कथा : उनकी पीड़ा नसों में तेज़ाब भर देती है, पर नेता को कुछ नहीं होता

     

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    मध्य प्रदेश का चंबल का इलाका एक समय डकैतों के लिए जाना जाता था, चंबल का नाम लेते ही वहां के  बीहड़ और डकैतों की कहानियां हर किसी के जेहन में उभर आती थीं. लेकिन आज चंबल के बीहड़ में गोलियों की आवाज नहीं, किसानों की आत्महत्या के कारण पीड़ित परिवारों से रुदन के स्वर सुनाई पड़ते हैं. अत्याचार के खिलाफ बंदूक उठाकर बीहड़ में कूदने वाला किसान आज विवश होकर आत्महत्या का रास्ता चुन रहा है. सरकारों की उपेक्षा और अमानवीयता के कारण अब किसानों का अपने पैरों पर उठ खड़ा हो पाना मुश्किल नजर आ रहा है. आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार की व्यथा-कथा सुनें तो उनकी पीड़ा आपकी नसों में तेजाब भर देती है, पर नेताओं-नौकरशाहों को कुछ नहीं होता. [Read More…]

  • कितना सफल होगा स्टार्टअप इंडिया

    startupindia_big3एक आइडिया आपकी किस्मत बदल सकता है, आइडिया मोबाइल का यह विज्ञापन फ्लिपकार्ट जैसी कंपनी के ऊपर बिल्कुल खरा उतरता है. 2007 में महज 10 हज़ार रुपये से शुरू हुई यह कंपनी आज तक़रीबन 61 सौ करोड़ रुपये की हो गई है. आज इस कंपनी में 33 हज़ार से भी ज़्यादा कर्मचारी काम करते हैं. यह स्टार्टअप की सफलता का जीता-जागता उदाहरण है, जिसके बल पर फ्लिपकार्ट के संस्थापक सचिन एवं बिन्नी बंसल देश के सौ सबसे अमीर लोगों की फेहरिस्त में शामिल हो गए. ऐसा पहली बार है, जब किसी ई-कॉमर्स कंपनी के संस्थापक को इस फेहरिस्त में जगह मिली. देश का ऐसा कौन-सा युवा है, जो सचिन एवं बिन्नी की राह पर नहीं चलना चाहता? देश के युवाओं के ऐसे ही सपनों को पंख देने के लिए भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की है. धन और संसाधनों की कमी के चलते हर साल न जाने कितने आइडिया मूर्त रूप लेने से पहले दम तोड़ देते हैं. हो सकता है, उनमें से कई आइडिया एप्पल, फ्लिपकार्ट या ओयो जैसी किसी कंपनी का रूप ले लेते. देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय अब्दुल कलाम भी कहते थे कि सपने देखो और उन्हें पूरा करने की कोशिश करो. पिछले साल लाल किले के प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा भारत के लिए स्टार्टअप इंडिया नामक सपने का जिक्र किया था. अब पांच महीने बाद उनकी सरकार ने इसे मूर्त रूप दे दिया है, ताकि युवा अपने सपने पूरे कर सकें. प्रधानमंत्री देश के युवाओं से लगातार कहते रहे हैं कि वे नए आइडिया के  साथ ऐसा काम शुरू करें, जो कुछ अलग हो, नया हो, एक मिसाल हो, जो आपको और देश को आगे बढ़ाता हो. देश में ज़्यादातर स्टार्टअप्स युवा उद्यमियों ने शुरू किए हैं और इसमें अब भी बहुत संभावनाएं हैं. प्रधानमंत्री की योजना इन्हीं संभावनाओं को हकीकत में बदलने की है. [Read More…]

  • पंजाब विधान सभा चुनाव-2017 : मुक्तसर मेले का सियासी दंगल

    551पंजाब के  मुक्तसर में हर साल माघ के महीने में लगने वाला माघी मेला इस बार चुनावी दंगल में तब्दील हो गया है. इस मेले में हजारों की संख्या में सिख श्रद्धालु जुटते हैं. साल-2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अकाली दल ने अपना-अपना शक्तिप्रदर्शन करते हुए इस धार्मिक मेले को सियासी रंग में रंगने की पुरजोर कोशिश की. पंजाब में सालों से कांग्रेस और अकाली-बीजेपी गठबंधन की सरकारें बारी-बारी से आती रही हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी ने राज्य की राजनीति में एक नई हलचल पैदा करते हुए इस द्विपक्षीय लड़ाई को त्रिपक्षीय कर दिया है. इसका नमूना 14 जनवरी को हुई रैली में देखने को मिला. [Read More…]

  • चलते-फिरते आयुध कारखाने : बारूद और हथियार के कारीगर मांग रहे रोज़गार

    21 (1)दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले एक महीने से आयुध कारखाने (ऑर्डिनेंस फैक्ट्री) के हज़ारों पूर्व शिक्षु अप्रेंटिस (संशोधन) एक्ट-1961 की धारा-22 के तहत अप्रेंटिस भर्ती नीति लागू करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमएसडीएस) के तहत अप्रेंटिस एक्ट-1961 की धारा 22 की उपधारा एक में संशोधन किया है. इस एक्ट की धारा 22 में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि प्रत्येक नियोक्ता ऐसे शिक्षु, जिसने उसके स्थापन में शिक्षुता प्रशिक्षण की अवधि पूरी कर ली है, को भर्ती करने के लिए अपनी स्वयं की नीति तैयार करेगा. अप्रेंटिस (संशोधन) एक्ट-1961 को लोकसभा ने 14 अगस्त, 2014 और राज्यसभा ने 26 नवंबर, 2014 को पास किया था. उसके बाद राष्ट्रपति ने भी इस क़ानून को मंजूरी दे दी थी. क़ानून में संशोधन हुए एक साल गुज़र चुका है, लेकिन अब तक आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड, कोलकाता एक्स अप्रेंटिसों को नौकरी मुहैया कराने से संबंधित नीति नहीं बना सका. नीति निर्माण की प्रक्रिया बहुत लचर तरीके से चल रही है. सरकार द्वारा क़ानून में संशोधन के बावजूद अभी भी आएदिन खुली भर्तियां निकल रही हैं. [Read More…]

  • व्यापमं घोटाला : सीबीआई जांच से तेज़ ज़मानत की रफ्तार

    00बीती 9 जुलाई को व्यापमं मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी थी तब ऐसा लगा था कि सीबीआई जल्द से जल्द इस मामले की जांच करके आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा देगी. विडंबना देखिए, हुआ इसका उल्टा. पिछले छह महीने में सीबीआई ने ऐसी जांच की कि वह उन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र भी नहीं दायर कर सकी जिन्हें एसआईटी ने हाईकोर्ट की निगरानी में सलाखों के पीछे पहुंचाया था. इसके बाद एक-एक करके व्यापमं मामले के बड़े-बड़े आरोपी जेल से बाहर आने में सफल हो गए. जमानत पर रिहा होने वालों में हालिया नाम मध्य प्रदेश के पूर्व उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का है. शर्मा पिछले 18 महीने से जेल में थे, लेकिन सीबीआई द्वारा उनके  खिलाफ चलान न पेश कर पाने की वजह से जबलपुर हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. जून 2014 में मध्य प्रदेश सरकार में रहते हुए व्यावसायिक भर्ती परीक्षाओं में धांधली के आरोप में उन्हें जेल भेजा गया था. उनके  खिलाफ सात मामले दर्ज किए गए थे. छह मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी लेकिन अंतिम मामले में उन्हें जमानत मिलने में लंबा वक्त लग गया. [Read More…]

  • बिहार विधानसभा में बाहुबलियों की बहार

    Page-04बिहार में राजनीति और अपराध का बहुत पुराना नाता रहा है. पहले यहां राजनेता बाहुबलियों के बल पर राजनीति करते थे, लेकिन समय के साथ बाहुबली भी राजनीति में आ गए. आज भी यहां बाहुबलियों को जीत की गारंटी समझा जाता है, इसलिए इस बार भी सभी दलों ने अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए बाहुबलियों को टिकट देने में किसी तरह का गुरेज नहीं किया. एनडीए हो या महागठबंधन या अन्य दल, सभी ने दिल खोलकर बाहुबलियों को टिकट दिए. सभी ने बाहुबलियों पर बड़ा दांव खेलते हुए उन्हें चुनावी मैदान में उतारा था. जहां बाहुबली स्वयं चुनावी मैदान में नहीं उतर सके, वहां उनकी पत्नी या करीबी रिश्तेदार को उम्मीदवार बनाकर चुनावी समर में उतारा गया. इस बार बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों के लिए पांच चरणों में हुए मतदान में कुल 3450 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, जिनमें से 1038  यानी 30 फीसद उम्मीदवारों के  खिलाफ गंभीर आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं. साल 2010 में हुए विधानसभा चुनावों में 3058 उम्मीदवार मैदान में थे. जिनमें से 986 दागी थे. इसका सीधा सा मतलब यह है कि इस बार प्रत्येक दल ने दागी उम्मीदवारों पर ज्यादा भरोसा जताया. [Read More…]

  • भारत-नेपाल सीमा पर नाका-बंदी : नेपाल कहीं चीन की गोद में न बैठ जाए

    2222नेपाल में 20 सितंबर को नया संविधान लागू होने के बाद भारत से उसके रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं. ऐसे में, सवाल उठ रहे हैं क्या नेपाल पर चीन का असर बढ़ेगा. नेपाल को भारत का सबसे करीबी देश माना जाता रहा है, लेकिन जबसे नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना हुई है, तब से वहां भारत के प्रति अविश्वास की भावना प्रबल होती चली गई. इस मौके का फायदा चीन ने बखूबी उठाया और वहां अपनी जड़ें मजबूत करने का हर संभव प्रयास किया. वह अपनी कोशिशों में काफी हद तक सफल भी रहा. हालांकि भारत ने नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना का समर्थन किया था, लेकिन उसका यह निर्णय उसके लिए परेशानी का सबब बन गया है. वाम दलों के वहां की सत्ता में आने के बाद माओवादियों का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा हो गया. भारत ने इसे साधने की हर संभव कोशिश की लेकिन परिस्थितियां भारत के विपरीत ही होती चली गईं. संविधान के विरोध में मधेसियों के आंदोलन की वजह से भारत से नेपाल होने वाले सामान की आवाजाही पर रोक लग गई है. इससे वहां की जनता परेशान हो गई है. इसके बाद वहां की स्थानीय मीडिया में खबरें आ रही हैं कि चीन नेपाल की आपात मदद करने की तैयारी में है. नेपाल में एक समुदाय भारत का विरोधी है और दूसरा चीन का. [Read More…]

  • मर्केल की भारत यात्रा : साझा विकास की नई शुरूआत

    MARKEL                   जर्मनी की चांसलन ऐंजेला मर्केल की तीन दिवसीय भारत यात्रा व्यापक सहयोग के आश्वासन के साथ समाप्त हुई. यदि साझा सहयोग की इस नई राह पर दोनों देश चल सके तो दोनों देशों के  बीच का आर्थिक सहयोग 15 साल के चरम पर पहुंच जायेगा. मर्केल की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 18 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. जिसमें से अधिकांश उन क्षेत्रों से संबंधित हैं जिन पर दोनों देश लंबे समय से काम कर रहे हैं, उनमें सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, निर्माण क्षेत्र में साझेदारी, कौशल निर्माण, स्वच्छ ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन एवं शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं. चांसलर ऐंजेला मर्केल भारत में जर्मनी के लिए कारोबार के अवसर बढ़ाने के स्पष्ट उद्देश्य के साथ भारत आई थीं. इसलिए उन्होंने भारत के तकनीक केंद्र बेंगलुरू का दौरा किया. वह अपने इस उद्देश्य में सफल हुईं. एंजेला मर्केल के साथ बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम जर्मनी को भारत के आर्थिक परिवर्तन में अपना स्वाभाविक सहयोगी समझते हैं. जर्मनी की क्षमता और भारत की प्राथमिकताएं एक दूसरे से जुड़ी हैं. यूरोपीय संघ में इस वक्त जर्मनी की हैसियत समूह के स्वाभाविक नेता की है. ऐसे में जर्मनी से कारोबारी संबंध बढ़ने से पूरे यूरोपीय बाजार से भारत की निकटता बढ़ेगी. इससे भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर रुकी हुई बातचीत भी आगे बढ़ेगी. राजनीतिक या कूटनीतिक मोर्चे पर भारत और जर्मनी में नज़दीकी का एक बड़ा कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए दोनों देशों का साझा अभियान है. दोनों ही देश सुरक्षा परिषद के विस्तार के लिए जी-4 के मसौदे पर काम करने के लिए एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं. [Read More…]

  • व्यापमं घोटाला : ऐसी सीबीआई जांच से न्याय नहीं मिलेगा

     

     

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    भारत सचमुच अद्भुत देश है. यहां के घोटाले अद्भुत हैं. पानी, कोयला, हवा, तरंग, कुछ भी नहीं बचा है. इसी तरह यहां की जांच भी अद्भुत है. जैसे, सीबीआई जांच. कोयला घोटाला याद कीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, तोता पिंजरे में कैद है, तोते को आज़ाद कीजिए. सरकार बदल गई, लेकिन क्या पिंजरे का ताला खुला? इस सवाल का जवाब व्यापमं घोटाले की जांच से निकलता है. घोटाले की शुरुआती जांच देखकर तो लगता है कि तोता अभी भी पिंजरे में है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के ढाई महीने बाद भी सीबीआई व्यापमं घोटाले की जांच पूरी तरह अपने हाथों में नहीं ले सकी है. खुद सीबीआई ने शपथ-पत्र देकर कहा है कि उसके पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वह डीमैट घोटाले की जांच कर सके. व्यापमं घोटाले में 215 एफआईआर दर्ज हैं, 2,500 से ज़्यादा आरोपी हैं, जिनमें से 600 आरोपी फरार हैं. सीबीआई को उन्हें पकड़ना है, पूछताछ करनी है, लेकिन ढाई महीने बाद भी अब तक सीबीआई महज 107 मामले अपने हाथों में ले पाई है. अब आगे क्या होगा, इसका अनुमान लगाते रहिए. फिलहाल, इन्हीं तमाम सवालों के जवाब तलाश रही है चौथी दुनिया की यह विशेष रिपोर्ट:-

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  • Black & White With Dr. Manish Kumar On Vyapam Scam