श्रीलंकाई क्रिकेट का राजकुमार, कुमार संगकार अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते नहीं दिखाई देंगे.उनके सन्यास लेने के बाद श्रीलंकाई क्रिकेट के एक युग का अंत हो गया है. कोलंबो के पी सारा ओवल मैदान में भारत के खिलाफ श्रृंखला के दूसरा टेस्ट उनके क्रिकेट करियर का अंतिम टेस्ट था. इस मैदान की सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह एशिया का एकमात्र मैदान है जहां सर डॉन ब्रैडमैन खेले थे. हालांकि इस चैंपियन बल्लेबाज को हार के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा. ऐसा ही कुछ 2015 विश्वकप के कवार्टर फाइनल में भी हुआ था. वह संगकारा के एकदिवसीय क्रिकेट का आखिरी मैच था. क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में उनकी विदाई धमाकेदार रही है उन्होंने बांग्लादेश में भारत के खिलाफ खेले गए टी-20 विश्वकप फाइनल में अपनी टीम को विश्वचैंपियन बनाकर करियर का समापन किया था. अब श्रीलंकाई टीम की जिम्मेदारी पूरी तरह नई पीढ़ी के हाथों में स्थानांतरित हो गई है. जिस भारत के खिलाफ संगकारा ने अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला उसी भारत के खिलाफ संगकारा ने अपना पहला टेस्ट शतक साल 2001 में गॉल में लगाया था.
जुलाई, 2000 में संगाकारा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में पदार्पण किया था, 37 वर्षीय संगकारा एक शानदार खिलाड़ी हैं इस बात से सभी वाकिफ हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से टेस्ट मैचों में उनके बल्ले का जादू दिखाई नहीं पड़ रहा था, उन्हें स्पिन गेंदबाजों को खेलने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ रही थी. भारत के ख़िलाफ़ सीरीज़ में उन्होंने दो टेस्ट खेला और इनकी चारों पारियों में उनका विकेट आर अश्विन ने लिया. करियर के आख़िरी पड़ाव में फ़ॉर्म ने भी संगकारा का साथ छोड़ दिया था. पिछले 9 टेस्ट मैचों में उनके जैसा उम्दा बल्लेबाज रनों के लिए तरसता रहा. इस दौरान उन्होंने 22.44 के औसत से केवल 202 रन बनाये. वह अपनी अंतिम पारी में महज़ 18 रन बना सके.
डेढ़ दशक लंबे टेस्ट करियर में संगाकारा ने कई बेहतरीन पारियां खेलीं. टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा दोहरे शतक के सर डॉन ब्रैडमैन के 12 दोहरे शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी करने से महज एक कदम से चूक गए. क्रिकेट में विकेटकीपर की भूमिका को एक नया आयाम एडम गिलक्रिस्ट ने दिया था. एक बेहतरीन विकेट कीपर बल्लेबाज टीम की काया पलट कर सकता है, इस विचार को संगाकार और आगे ले गए. आज वह श्रीलंका ही नहीं विश्व के सर्वकालिक महान खिलड़ियों में से एक हैं. वह सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा, रिकी पॉन्टिंग, जैक कैलिस जैसे खिलाड़ियों के समकक्ष खड़े दिखाई देते हैं.
संगकारा ने उस दौर में क्रिकेट खेली जब दुनिया भर में बेहतरीन क्रिकेटरों की एक बड़ी फौज खड़ी थी. बावजूद इसके संगकारा ने खुद की एक अलग पहचान बनाई बल्कि सनथ जयसूर्या, मुथैया मुरलीधरन और महेला जयवर्धने जैसे खिलाड़ियों के साथ मिलकर श्रीलंकाई क्रिकेट को एक नई ऊंचाई पर ले गये. उनके टीम में रहते श्रीलंका दो बार एकदिवसीय क्रिकेट विश्वकप के फाइनल में(2007,2011), तीन बार टी-20 विश्वकप के फाइनल में(2009,2012,2014) और साल 2002 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची. इन सभी में संगकारा टीम में थे. लगातार दो बार टीम को एकदिवसीय विश्वकप के फाइनल तक ले जाने के बावजूद वह उसे दोबारा विश्वविजेता नहीं बना सके, शायद यह मलाल संगकारा को जीवन भर रहेगा, लेकिन 2014 टी-20 विश्वकप की जीत इसस दर्द में थोड़ी राहत जरूर देगी.
कुमार संगकारा का टेस्ट बैटिंग औसत कम से कम सौ टेस्ट मैच खेलने वाले बल्लेबाजों की सूची में सबसे ऊपर है उन्होंने क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा, जैक कैलिस, रिकी पॉन्टिंग जैसे धुरंधरों को पीछे छोड़कर हासिल किया है. संगकारा ने करियर में 57.40 की औसत से 12,400 रन बनाये. ऐसे तो संगकारा एक विकेट कीपर बल्लेबाज थे, लेकिन उन्होंने एक विशुद्घ बल्लेबाज के रूप में खेलते हुए 150 टेस्ट पारियों में 67.39 की औसत से रन बनाये जो कि सर डॉन ब्रैडमैन के बाद सबसे ज्यादा है.
सचिन तेंदुलकर ने संगकारा को विदाई देते हुए कहा है कि संगकारा एक ऐसे बल्लेबाज हैं जब पूरी टीम संघर्ष कर रही होती है तो भी आसानी से रन बनाने में कामयाब हो जाते हैं, शायद इसी कारण विपक्षी टीम उनसे डरती थी, और इज्जत करती थी, वे विश्व के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में से एक हैं. शायद इसीलिए बतौर कप्तान राहुल द्रविड़ भी संगकारा के खेल में तकनीकि गल्तियां ढूंढने में असमर्थ रहे. जेंटलमेंस गेम में संगकारा को एक बेहतरीन खिलाड़ी के साथ-साथ एक अच्छे इंसान के रूप में भी जाना जाता है. संगकारा का विवादों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा. न ही सफलता कभी उनके सिर चढ़कर बोली. वह एक समर्पित खिलाड़ी थे और खेल भावना के अनुरूप मैदान में अपने बल्ले को जादू से हर किसी को मंत्र-मुग्ध कर देते थे. मैदान के बाहर भी समाज सेवा के कार्यों में लगातार लगे रहे.
जिस अंदाज में विश्वकप-2015 में उनकी लगातार चार शतकीय पारियों के विश्व रिकॉर्ड के साथ विदाई हुई थी. टेस्ट में वैसा नहीं हो सका, लेकिन एक बात तो संगकारा के बारे में निश्चित तौर पर कही जा सकती है कि फॉर्म इज टेम्परेरी एंड क्लास इज पर्मानेंट. संगकार के क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद श्रीलंकाई टीम में उपजे शून्य को भरपाना आसान नहीं होगा. भारत के खिलाफ दोनों ही टेस्ट मैचों में संगकारा के बल्ले का जादू नहीं चला इसी वजह से दोनों ही टेस्ट मैचों में श्रीलंकाई टीम संघर्ष करती दिखी. भले ही खुदकिस्मती से वह पहला टेस्ट जीतने में कामयाब हो गई लेकिन दूसरे टेस्ट में उनकी कलई खुल गई. उनकी कमी केवल श्रीलंका को ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट को भी खलेगी.
- संगकारा के नाम 200 रन से ज्यादा की 10 पारियां दर्ज है जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है.
- संगकारा ने टेस्ट क्रिकेट में 150 रनों से ज्यादा की 19 पारियां खेली हैं.यह भी एक विश्व रिकॉर्ड है.
- कप्तान के रूप में संगकारा का बल्लेबाजी औसत केवल सर डॉन ब्रैडमैन से कम है.
- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल रन के मामले में संगकारा(28016) केवल सचिन तेंदुलकर(34357) से पीछे हैं.
- 150 रनों की लगातार चार पारियां खेलने का रिकॉर्ड संगकारा के नाम दर्ज है.
- संगकारा और जयवर्धने के नाम टेस्ट क्रिकेट की सबसे लंबी साझेदारी (624) का रिकॉर्ड दर्ज है. जो इन्होंने साल 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलंबो में बनाया था.
- गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विकेट के पीछे शिकार करने के मामले में तीसरे स्थान(678) पर हैं जबकि दक्षिण अफ्रीकी विकेट कीपर मार्क बाउचर (998),गिलक्रिस्ट (905) दूसरे नंबर पर हैं.
- साल 2012 मेंसंगकारा को तीन-तीन आईसीसी पुरस्कार मिले. उन्हें साल का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर,साल का बेस्टर टेस्ट क्रिकेटर और पीपुल्सर च्वॉसइस ऑफ दी ईयर चुना गया था.
- संगकारा टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा दोहरा शतक जमाने वालों की सूची में 11 दोहरे शतक के साथ दूसरे नंबर पर हैं सबसे ज्यादा दोहरे शतक सर डॉन ब्रेडमैन(12) के नाम दर्ज हैं.
- कुमार संगकारा टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ी से 8000,9000,11000,12000 रनों तक पहुंचने वाले खिलाड़ी हैं.
कुमार संगकारा : आंकड़ों के आइने में
टेस्ट करियर
मैच पारी नाबाद रन सर्वाधिक औसत शतक अर्धशतक
134 233 17 12400 319 57.40 38 52
टॉप पांच पारियां
319 बनाम बांग्लादेश, चिटगांव,2014
287 बनाम दक्षिण अफ्रीका, कोलंबो(एससीसी), 2006
270 बनाम जिंबाब्वे, बुलवायो,2004
232 बनाम दक्षिण अफ्रीका, कोलंबो(एससीसी), 2004
230 बनाम पाकिस्तान, लाहौर, 2002
संगकारा को ब्रिटेन में उच्चायुक्तपद की पेशकश
संगकारा के विदाई समारोह में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला श्रीसेना उपस्थित थे. उन्होंने संगकारा को स्मृति चिन्ह प्रदान करके के बाद अपने संबोधन में उन्हें ब्रिटेन में उच्चायुक्त के पद की पेशकश कर दी. हालांकि संगकारा ने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन उनके चेहरे पर एक अलग खुशी नज़र आई. राष्ट्रपति ने कहा कि संगकारा हमारे देश के चर्चित चेहरे हैं और मुझे उन्हें ब्रिटेन में उच्चायुक्त के पद का प्रस्ताव देते हुए बेहद खुशी हो रही है. संगकारा ने कहा कि मेरे पास अभी प्रस्ताव आया है मैं इसे लेकर अचंभित हूं. मैं राष्ट्रपति के प्रस्ताव का सम्मान करता हूं, मुझे इस बारे में उनसे और बात करनी होगी क्योंकि इस विषय में मुझे किसी तरह का अनुभव नहीं है.
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