1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच 16 मई, 1974 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर्ररहमान कि अगुवाई में भूमि-सीमा समझौता हुआ था. 41 साल पहले शुरू हुए इस समझौते को अंतिम वैधानिक रूप देना न सिर्फ दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक जगत की एक अहम घटना के तौर पर देखा जा रहा है. [Read More…]
-
मोदी का बांग्लादेश दौरा : रिश्तों का नया अध्याय
-
व्यापमं घोटाला मौत की सुरंग बन गया है
भारत में घोटालों का इतिहास बहुत बड़ा है, लेकिन मध्य प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाला अपने आप में अद्भुत है. इस घोटाले की जड़ें कहां तक फैली हैं, इसका अंदाजा अब तक नहीं लगाया जा सका है. इस मामले से जुड़े 40 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. मौत का यह आंकड़ा बिहार में अपने समय के बहुचर्चित चारा घोटाले ने भी नहीं छुआ था. व्यापमं घोटाले में आए दिन रहस्यमयी मौत हो रही है, जिसकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझाई जा सकी है. मौतों का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है. सुशासन का दावा करने वाले शिवराज का क्या यही है सुशासन? [Read More…]
-
खेलों की दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला
अब तक दुनियाभर के खेलों में मैच फिक्सिंग के मामले सामने आते थे, लेकिन पहली बार मेजबानी फिक्सिंग का मामला सामने आया है. 2022 में आयोजित होने वाले फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी फिक्स थी. कतर को मेजबानी दिए जाने का समर्थन करने के लिए फीफा के सदस्यों ने करोड़ों अमेरिकी डॉलर की रिश्वत ली थी. इस बात का खुलासा हाल ही में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने किया है. आश्चर्यजनक रूप से साल 2010 में ज्यूरिख में संपन्न हुई मेजबानों की चुनाव प्रक्रिया में कुल 22 में से 14 वोट कतर के पक्ष में पड़े थे. जनवरी 2011 में फीफा के अध्यक्ष सेप ब्लाटर कतर की राजधानी दोहा में एशियाई खेलों के आयोजन के पहले एक कार्यक्रम में पहुंचे और 2022 के फुटबॉल विश्व कप के सर्दियों में होने की उम्मीद जताई. 2018 और 2022 दोनों विश्व कप के लिए मेजबानों के चुनाव में भ्रष्टाचार के आरोपों ने मई 2011 में सिर उठाना शुरू किया, जब संडे टाइम्स अखबार ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की. [Read More…]
-
अजिंक्य रहाणे टीम इंडिया की अभेद दीवार
अजिंक्य का मतलब होता है अभेद. यानि जिसे भेदा न जा सके. 26 साल के अजिंक्य रहाणे अपने नाम के अनुरूप एक अभेद बल्लेबाज के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं और दुनिया भर के गेंदबाजों के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं.द वॉल के नाम से विख्यात पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ को अपना आदर्श मानने वाले रहाणे भारतीय टीम के ऐसे बल्लेबाज हैं, जो किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं. वह कभी ओपनिंग करते हैं, तो कभी मिडल ऑर्डर में खेलते हैं. इसी वजह से कई बार उनकी तुलना वीवीएस लक्ष्मण से भी की जाती है. आईपीएल के आठवें सीजन में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए अजिंक्य रहाणे ने 13 लीग मैचों में लगभग 50 की औसत से 498 रन बनाये. [Read More…]
-
स्वास्थ्य बजट में कटौती : कैसे होगा स्वस्थ भारत का निर्माण
नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा कर लिया है. कहा जाता है कि किसी भी सरकार के पहले वर्ष में उसके काम करने की दशा और दिशा निर्धारित हो जाती है. नवगठित सरकार के ऊपर सबसे पहले अपने चुनावी वादे पूरे करने और चुनावी घोषणा-पत्र को अमलीजामा पहनाने का दबाव होता है, क्योंकि सरकार से लोगों की कई तरह की आशाएं जुड़ी होती हैं. एक कहावत है कि पहला सुख निरोगी काया. मोदी सरकार भले ही नई स्वास्थ्य नीति की दिशा में कार्य कर रही है, लेकिन केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए धन आवंटन में कमी से उसकी कथनी-करनी का भेद दिखाई दे जाता है. ढाई दशकों बाद केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली सरकार के गठन के बाद आशा की गई थी कि स्वास्थ्य क्षेत्र को सरकार अपनी प्राथमिकता में रखेगी और उसमें सुधार के लिए आवश्यक एवं कड़े क़दम उठाएगी, लेकिन सरकार ने स्वास्थ्य बजट में कटौती करके सही संदेश नहीं दिया. [Read More…]
-
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिला़फ : किसान गोलबंद हो रहे हैं
बीते पांच मई को दिल्ली के संसद मार्ग पर देश भर से आए तीन सौ जन-संगठनों एवं राजनीतिक दलों ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में एक बार फिर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में मुख्य रूप से वामदलों के किसान एवं मज़दूर संगठनों ने शिरकत की और सरकार को चुनौती दी कि वह भले ही संसद में अध्यादेश किसी भी तरह पारित करा ले, लेकिन किसान किसी भी क़ीमत पर उसे देश में लागू नहीं होने देंगे. इस भूमि अधिकार संघर्ष रैली में शामिल होने महाराष्ट्र के रायगढ़ से आईं उल्का महाजन ने कहा कि कृषि भूमि और मुआवज़े के बीच कोई संबंध नहीं है. यदि आज किसान कमज़ोर है, तो उसकी वजह कृषि नीति है [Read More…]