• भूमि अधिग्रहण अध्यादेश विरोधी आंदोलन : बेहतर नेतृत्व और संवाद की जरूरत

    samvad-ki-jaruratमोदी सरकार द्वारा लागू किए गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध के संदर्भ में बीते दो अप्रैल को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में जनसंगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों की एक बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि देश में हर स्तर पर सभी संगठन मिलकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. बैठक ़खत्म होने के अगले ही दिन सरकार एक बार फिर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश ले आई. बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया था कि यदि सरकार दोबारा अध्यादेश लेकर आती है, तो छह अप्रैल को देश भर में अध्यादेश की प्रतियां जलाकर सांकेतिक तौर पर विरोध किया जाएगा. दिल्ली के जंतर-मंतर पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नए अध्यादेश की प्रतियां जलाई गईं, जिसमें तक़रीबन 40-50 लोगों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में जनसंगठनों और वामदलों के कार्यकर्ता तो मौजूद थे, लेकिन उन अन्य राजनीतिक दलों के नुमाइंदे या कार्यकर्ता नज़र नहीं आए, जिन्होंने दो अप्रैल की बैठक में क़दम से कदम मिलाकर चलने का वादा किया था.

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  • विश्व शिखर पर भारतीय खिलाड़ी

    nehwalओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल ने हाल ही में विश्व बैडमिंटन रैंकिंग में नंबर एक पर पहुंचकर इतिहास रचा. वह विश्वरैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला और दूसरी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. उनसे पहले प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन की विश्व रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी थे. टेनिस सनसनी सानिया मिर्ज़ा भी विश्व रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचने की कगार पर पहुंच गई हैं. विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने के बाद सायना ने कहा है कि रैंकिंग उनके लिए बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती है, लेकिन हर खिलाड़ी अपने करियर में दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी बनना चाहता है. रैंकिग से आपके प्रदर्शन की कंसिस्टेंसी प्रदर्शित होती है. सायना के लिए साल-2015 बहुत बेहतरीन रहा है. पहले तो वह वह ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचीं. जहां वह कार्लीना मरीन से पार नहीं पा सकीं. इसके बाद दिल्ली में उन्होंने इंडियन ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीता, इसी जीत की वजह से वह विश्व रैंकिंग में पहला नंबर तक पहुंचने में सफल हुईं. हालांकि, वह ज्यादा दिनों तक नंबर एक की पोजीशन पर नहीं रह पाईं. विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने के महज एक सप्ताह बाद ही उन्हें मलेशियन ओपन के सेमी-फाइनल में चीनी खिलाड़ी से मात मिली और उनसे विश्व नंबर एक का खिताब छिन गया. फिलहाल सायना नंबर दो पर हैं, यदि वह ऐसा शानदार प्रदर्शन करती रहीं तो निश्चित तौर पर दोबारा नंबर एक की पोजीशन हासिल करने में कामयाब होंगी. सायना इस बात से खुश हैं कि वह लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं, यह उनके कठिन परिश्रम का नतीजा है. मुझे इस बात का दुःख है कि मैं लंबे समय तक नंबर वन पर नहीं बनी रह सकी, लेकिन मैं नंबर वन पर वापस पहुंचने की पुरजोर कोशिश करूंगी. मैं टॉप रैंक चीनी खिलाड़ियों को हराने में सफल रही हूं, यदि आगे भी यह सिलसिला चलता रहा तो मैं एक बार फिर विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बन जाउंगी. [Read More…]

  • भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ : राजनीतिक-सामाजिक संगठन एक साथ

             02-Political-Parties-meetin दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 2 अप्रैल, 2015 को देश के अधिकांश किसान और जन संगठन एकत्रित हुए और मोदी सरकार द्वारा लाए गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का नये सिरे से विरोध करने के लिए नई नीति तैयार की. इस बैठक के दौरान कांग्रेस, वाम दल, जनता दल(युनाइटेड) और अन्य राजनीतिक दलों के नुुमांइदों ने भी शिरकत की. सभी ने संसद से सड़क तक अध्यादेश का एकजुट होकर लड़ाई लड़ने और जीतने तक संघर्ष करने का ऐलान किया. आगे की लड़ाई भूमि अधिकार संघर्ष आंदोलन नाम से एकीकृत तौर पर लड़ी जाएगी. इसके लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय कमेटियों का गठन भी किया गया है. चूंकि केंद्र सरकार 3 अप्रैल को दोबारा अध्यादेश ले आई है इसलिए 6 अप्रैल को पूरे देश में नए अध्यादेश की कॉपी जला कर सांकेतिक तौर पर विरोध प्रदर्शन किया गया. [Read More…]

  • ऑस्ट्रेलिया : क्रिकेट का चक्रवर्ती सम्राट

    विश्व का कोई ऐसा कोना नहीं बचा है जहां ऑस्ट्रेलिया ने अपना विययी परचम न लहराया हो. एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका से होते हुए उनका विजय रथ अपने ही वतन पर आ पहुंचा है. ऑस्ट्रेलियाई टीम क्रिकेट में सफलता का पर्याय बन गई है. मेन इन यलो का विश्व खिताब से ऐसा लगाव है कि वे इस खिताब से बहुत दिनों तक दूर नहीं रह सकते. यह बात इससे साबित होती है कि साल 1996 से 2015 के दरम्यान खेले गए छह विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया पांच बार फाइनल में पहुंचा और चार बार विश्व चैंपियन बना. जिस तरह टेनिस में करियर ग्रैंड स्लैम पूरा करना एक उपलब्धि होती है उसी तरह ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया के सभी महाद्वीपों में विजय ध्वज फहराकर क्रिकेट का चक्रवर्ती सम्राट बन गया है.

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    World Champion Australia

               जैसे ही ऑस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने ऐतिहासिक एमसीजी मैदान पर विजयी चौका लगाया. वैसे ही ऑस्ट्रेलिया ने पांचवीं बार विश्वकप पर कब्जा कर लिया. सातवीं बार विश्वकप के फाइनल में पहुंची ऑस्ट्रेलियाई टीम पांचवीं बार विश्व विजेता बनी और पांचों महाद्वीप में विजयी परचम लहराने का अनोखा कारनामा कर दिखाया है. छह बार विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंची कीवी टीम सफलता की उड़ान नहीं भर सकी और एकतरफा फाइनल मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के सामने धराशायी हो गई और ऑस्ट्रेलिया सात विकेट से जीत हासिल की. जिस आक्रामक अंदाज में न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को मात दी थी. उसी वजह से खिताबी भिड़ंत के रोचक होने के कयास लगाये जा रहे थे. ऐसा इसलिए भी था क्योंकि लीग चरण में दोनों टीमों के बीच भिड़ंत हुई थी. वह मुकाबला बेहद रोमांचक रहा था. उस मैच में न्यूजीलैंड को एक विकेट से जीत हासिल हुई थी. लेकिन दोनों टीमों के बीच हुई खिताबी भिडंत पूरी एक तरफा रही. ऑस्ट्रेलिया ने पूरे मैच में कीवी टीम को उबरने का कोई मौका नहीं दिया. [Read More…]

  • 28 साल बाद हाशिमपुराः इंसाफ की जंग जारी रहेगी

               pkp22 मार्च, 2015 को हाशिमपुरा मामले का दिल्ली की तीस हजारी (विशेष अदालत) ने फैसला सुनाते हुए सभी अभियुक्तों को संदेह का फायदा (बेनिफिट ऑफ डाउट) देते हुए बरी कर दिया. इसके बाद 24 मार्च, 2015 को दिल्ली के लोधी रोड स्थित इंडियन सोशल इंस्टीट्यूट में इस मामले में पांच चश्मदीद गवाह और पीड़ित परिवारों के सदस्यों सहित सिविल सोसायटी के लोगों ने शिरकत की और इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रखने की घोषणा की. अदालत ने पुख्ता सबूतों के आभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इससे यह सवाल उठता है कि क्या सरकार के सभी अंग लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं या फिर वे सभी इसकी विपरीत दिशा में काम करते हैं. साल 1987 में घटित इस घटना की जांच कर रही सीबीसीआईडी ने 9 साल बाद चार्जशीट दाखिल की. इसके बाद भी जब उत्तर प्रदेश में इस मामले की न्यायिक प्रक्रिया एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी, तब एक याचिका की सुनवाई करते हुए साल 2002 में उच्चतम न्यायालय ने इस मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया. केस के दिल्ली आने के बाद जस्टिस सच्चर के कहने पर पीड़ित पक्ष की वर्तमान वकील वृंदा ग्रोवर ने इस केस की पैरवी करनी शुरू की.

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  • बेगम अख्तरः तुम्हें याद हो कि न याद हो…

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     फैजाबाद की सरजमीं से दो ऐसी शख्शियतें उभरकर सामने आईं, जिनकी चमक आज भी मंद नहीं पड़ी है. उनमें से एक हकीकत थी और दूसरी अफसाना. लोगों ने अफसाने को हक़ीकत समझ लिया और हक़ीक़त को अफसाना. मिर्ज़ा हादी रुसवा ने अपने उपन्यास में उमराव जान अदा एक ऐसा जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया, कि इसके छपने के बाद ही उमराव जान से मुलाकात करने के लिए लखनऊ में लोगों की भीड़ लगने लगी. लेकिन उमराव हक़ीकत नहीं थीं. उमराव के ऊपर के ऊपर बहुत कुछ लिखा जाता रहा है और?आगे भी लिखा जाता रहेगा लेकिन हम यहां उस दूसरी सख्शियत की बात करेंगे जिनके जीवन से ऐसी-ऐसी बातें जुड़ी हैं जिन्हें सुनकर लोगों को लगने लगा कि वह अफसाना हैं ये शख्शियत थी गायिका बेगम?अख्तर की. [Read More…]

  • भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के ख़िलाफ़ आंदोलन : अपनी डफली, अपना राग

    अन्ना ने अपनी नई पारी का आगाज किसानों के लिए एकता परिषद की यात्रा को पलवल से रवाना करके किया. इस दौरान वहां उन्होंने घोषणा की कि दिल्ली में उनके समर्थन में पंजाब, हरियाणा और पश्‍चिमी उत्तर प्रदेश के हज़ारों किसानों का हुजूम उमड़ेगा. लेकिन स्थिति ठीक इसके उलट दिखाई दी. 23 तारीख के कार्यक्रम में दादरी में ज़मीन अधिग्रहण का विरोध करने वाले भारतीय किसान मंच के सबसे ज़्यादा लोग दिखाई दिए. इसके अलावा मंच पर वही लोग नज़र आए, जो अन्ना के आंदोलन में हर जगह नज़र आते हैं. नहीं दिखाई दिए, तो वे किसान, जिनका भूमि अधिग्रहण से सीधा वास्ता है.

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    Anna @ Jantar Mantar

    लंबे अंतराल के बाद अन्ना हजारे आंदोलन की राह पर लौटे. उन्होंने एक बार फिर जंतर मंतर को अपनी जंग का मैदान बनाया. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में कई राजनीतिक और ग़ैर-राजनीतिक किसान संगठन पिछले कुछ महीनों से आंदोलन की तैयारी में जुटे थे. लेकिन इसी बीच अन्ना ने आंदोलन की घोषणा कर दी. इसके बाद आंदोलन की तैयारी में तथाकथित अन्ना समर्थक जुट गए. सबसे पहले 24 फरवरी को अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी जन-आंदोलन न्यास के बैनर तले एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी, लेकिन अचानक कार्यक्रम में संशोधन कर उसे दो दिवसीय (23 और 24 फरवरी) कर दिया गया. साथ ही कार्यक्रम को पीवी राजगोपाल की एकता परिषद की यात्रा से भी जोड़ दिया गया, जिनकी मांग भूमिहीनों को आवास के लिए ज़मीन की है, न कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध.

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  • बजट 2015- स्वास्थ्य क्षेत्र को जबरदस्त झटका

    नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए देश के कुल स्वास्थ्य बजट में कटौती कर दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2015-16 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को कुल 33,152 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि वर्ष 2014-15 में इसके लिए 39,238 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. उस बजट में भी पिछले साल दिसंबर में 20 प्रतिशत की कटौती की गई थी. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 29,653 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जबकि पिछली बार यह आवंटन 29,042 करोड़ रुपये का था. एड्स नियंत्रण विभाग के आवंटन में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि कर 1,397 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जबकि पिछली बार 1,300 करोड़ रुपये मिले थे.

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                 ढाई दशक बाद केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली सरकार के गठन के बाद आशा की गई थी कि स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकताओं में शामिल किया जाएगा और इसमें सुधार के लिए आवश्यक एवं कड़े क़दम उठाए जाएंगे. जहां जीडीपी की तुलना में आवंटन में वृद्धि की बातें हो रही थीं, वहां सरकार ने स्वास्थ्य बजट में कटौती करके सही संदेश नहीं दिया. हालांकि, सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास पर ज़ोर देते हुए आयुष (आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी और सिद्ध) के लिए अलग से 1,214 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. आयुष पिछले साल तक स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत एक विभाग था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे एक अलग मंत्रालय बना दिया है. सरकार उपचार की इन प्राचीन पद्धतियों को जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित कर रही है. भारत सरकार की पहल के बाद ही संयुक्तराष्ट्र ने इसी साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया. [Read More…]

  • व्यापमं घोटालाः बैकफुट पर शिवराज सरकार

    ghotaleमध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल भर्ती मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार बैकफुट पर नज़र आने लगी है. दिन-ब-दिन यह मामला बड़ा होता जा रहा है. व्यापमं मामले की वजह से विधानसभा के बजट सत्र को समय से एक महीने पहले ही सरकार को खत्म करना पड़ा. इस मामले की आंच राजभवन तक पहुंचने से यह बात तो साबित हो गई है कि इस घोटाले को ऊंचे स्तर पर निर्देशित किया गया है. जब प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, तब उन्होंने कहा था कि मेरे ऊपर भी लोग हैं और उनकी तरफ से अनुशंसायें आईं थीं. अब इस मामले में प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. उनपर आरोप है कि उन्होंने तीन उम्मीदवारों को फर्जी तरीके से वन रक्षक भर्ती परीक्षा में अपने पद का दुरुपयोग कर पास करवाया. हालांकि उन्होंने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को अदालत में इस आधार पर चुनौती दी है कि वह संवैधानिक पद पर हैं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है, लेकिन इससे पहले राज्यपाल के ओएसडी और उनके बेटे शैलेश यादव का नाम इस घोटाले में आ चुका है. इस घोटाले के प्रमुख आरोपी पंकज त्रिवेदी डेढ़ साल में करीब छह बार राजभवन गया था. इस बात का खुलासा राजभवन की विजिटर्स लॉगबुक से हुआ है. इस लॉगबुक को एसटीएफ एफआईआर दर्ज करने से पहले ही जब्त कर चुकी है. यह राज्यपाल और उनके बेटे के खिलाफ सबसे अहम सबूत साबित हो सकता है. [Read More…]